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आईवीएफ और आईयुआई
डॉ. सुमिता प्रभाकर
आईवीएफ (इन ववट्रो फर्टिलाइजेशन)
 आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया के रूप िें भी जाना
जाता है.
 आईवीएफ डडम्बग्रंथि अंडे की कृ त्रिि ननषेचन की एक
प्रक्रिया है.
 ननषेचन प्रक्रिया िााँ के शरीर के बाहर जगह लेती है.
 यह प्रक्रिया गभााधान के िाध्यि से की जाती है.
वीयिसेचन
यह दो तरीके से क्रकया जा सकता है:
 पपता शुिाणुओं का प्रयोग
 दाता शुिाणु का उपयोग करना.
(जोडे की आवश्यकता के तेहत)
आईवीएफ प्रक्रिया
 िूलयांकन
 डाउन रेगुलेशन
 ननगरानी
 अंडा पपक
 ईकसीई
 भ्रूण स्िानांतरण
 भ्रूण फ्रीजजंग
 भ्रूण हैथचंग
मूलयाांकन
 आईवीएफ उपचार के मलए, जोड़ों को कु छ जांच की सलाह दी
जाती है.
 अलरासाउंड, अंडाशय और गभााशय की हालत की जााँच के मलए.
 अन्य सिस्याओं के मलए वीया पवश्लेषण और कलचर.
 आईवीएफ प्रक्रिया से पहले पवषिता परीक्षण क्रकया जाना
चाहहए.
 िूलयांकन पूरा होने पर प्रक्रिया शुरू की जाती है.
डाउन रेगुलेशन
 आईवीएफ प्रक्रिया िामसक चि से पहले 21वे
हदन शुरू होती है.
 डाउन रेगुलेशन के मलए रक्त िें एलएच
एफएसएच और E2 हािोन की जांच होती है.
ovulation इांडक्शन
 यह प्रक्रिया िरीज ​​की कु छ कं डीशन पर ननभार करता है
 उम्र
 हािोन संबंधी सिस्याएं
 स्िानीय प्रोटोकॉल
 एफएसएच या एचएिजी इंजेक्शन वांनछत रोि आकार तक
हदया जाता है.
ननगरानी
 अलरासाउंड से अंडे और अंतगाभााशयकला की िोटाई के
पवकास पर नजर रखी है.
 कभी कभी एस्रोजन स्तर परीक्षण रक्त परीक्षण के द्वारा
क्रकया जाता है.
अांडा विक
 अंडा इजछछत आकार तक पहुचने पर एक इंजेक्शन
अंनति पररपक्वता (एचसीजी) के मलए हदया जाता है.
 अंडा पपक प्रक्रिया 35-36 घंटे के बाद की जाती है.
 अलरासाउंड के साि, अंडे सुई की िदद से रोि से
ननकाले जाते हैं.
 इस प्रक्रिया िें लगभर 20 मिनट लगते हैं.
 अंडे को कोमशकाओं के सिूह से ननकालने के बाद aspirate करके
उन्हें इनक्यूबेटर ननषेचन के मलए रखा जाता हैं.
 आईवीएफ / ईकसीई ननषेचन प्रक्रिया का फै सला गभापवज्ञानी करता है.
 थगनती और गनतशीलता िें किी के िािले िें ईकसीई क्रकया जाता है.
 TESA / पेसा वृषण से शुिाणुओं को ननकालने के मलए क्रकया जाता है.
 क्रफर भ्रूण 2-5 हदऩों के मलए इनक्यूबेटर के ननयंत्रित वातावरण िें
पवकमसत करने के मलए छोड हदया जाता है.
ईकसीई
भ्रूण स्थानाांतरण
 भ्रूण की गुणवत्ता का आकलन और भ्रूण स्िानांतरण
के बारे िें फै सला गभापवज्ञानी करता है.
 िुलायि cathedra की िदद से भ्रूण गभा िें रखा
जाता है.
 कु छ आराि करने के बाद िरीज ​​घर जा सकते हैं.
भ्रूण फ्रीजजांग
 अनतररक्त भ्रूण कई साल के मलए तरल नाइरोजन िें संरक्षक्षत
रखे जा सकते है.
 भ्रूण जिे हुए हैं क्य़ोंक्रक स्िानांतरण की योजना ननवााचन द्वारा
गभााशय या रोगी के एन्दोिेत्रियि या अस्तर के रूप िें OHSS
(डडम्बग्रंथि हाइपर अनुकरण मसंड्रोि) को ध्यान िें रख के
बनाई है.
भ्रूण हैचचांग
 इस िें, भ्रूण की बाहरी परत का लेजर या कु छ
रसायऩों के साि इलाज क्रकया जाता है.
 इस प्रक्रिया को गभााशय की भीतरी सतह थचपकने
वाला बाहरी अस्तर अथधक थचपथचपा बनाने के मलए
प्रयोग क्रकया जाता है.
 यह बडी उम्र की िहहलाओं िें प्रभावी है जहााँ पवफलता
और गभा की किजोर अस्तर के िािले होते हैं.
IUI (IntraUterine गर्ािधान)
 सबसे अथधक इस्तेिाल क्रकये जाने वाली प्रजनन की
तकनीक.
 सुरक्षक्षत, लागत प्रभावी और गैर इनवेमसव पवथध.
 पनत या दाता के वीया को ननषेचन क्षिता िें सुधार करने
के मलए धोया और गभा िें इंजेक्ट क्रकया जाता है.
IUI सांके त
 सरवाइकल कारक
 हलके िध्यि पुरुष उप प्रजनन
 अस्पष्टीकृ त बांझपन
 रोग प्रनतरक्षण कारक़ों
 अन्तगाभााशय - अस्िानता
 पुरुष शारीररक दोष
 साइको यौन पवकार-ननिााण स्खलन से संबंथधत सिस्याओं
IUI सांके त
 अशुिाणुता
 जेनेहटक, वंशानुगत सिस्याओं
 गंभीर शुिाणु दोष
 कई ट्यूबल दोष
 गंभीर वीया असािान्यता
 श्रोणण जन या गभााशय गुहा पवरूपण
मूलयाांकन
 उथचत सिय और IUI के मलए उथचत रोगी चयन आवश्यक है.
 पवस्तृत थचक्रकत्सीय इनतहास और दोऩों भागीदाऱों की शारीररक
जांच की आवश्यकता है.
 क्रकसी भी असािान्यताएं िें हािोनल सिस्याएं का िूलयांकन
क्रकया जाता है.
IUI प्रयोगशाला
क्रकसी भी IUI कें द्र िें होना आवश्यक है,
 टीवीएस सुपवधा
 वीया संचय क्षेि
 लामिना हुड, अपकें हद्रि, यौथगक सूक्ष्िदशी, सीओ-2
इनक्यूबेटर, सीओ-2 मसलेंडर, वीया प्रजनन और भंडारण
की सुपवधा के साि वीया तैयारी प्रयोगशाला.
 गभााधान क्षेि
सफलता की दर
 रोगी की उम्र और वीया के आधार पर 6 से 28% सफलता हो
सकती है
 IUI एक बहुत ही सरल और सुरक्षक्षत प्रक्रिया है लेक्रकन कु छ
सिस्याएं पैदा हो सकती हैं:
 ग्रीवा को रािा
 संििण
 ऐंठन या ददा
धन्यवाद!!!
संपका करें
डा. सुमिता प्रभाकर
सीएिआई अस्पताल, 54, हररद्वार रोड, देहरादून.
उत्तराखंड, भारत. पपन: 248001
फोन: 0135-6542172, 0135-2520042,
2720142, 2720238
िोबाइल: +91-7895333429
ईिेल: sumitaprabhakar@gmail.com

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Dr sumita prabhakar ivf & iui in hindi

  • 1. आईवीएफ और आईयुआई डॉ. सुमिता प्रभाकर
  • 2. आईवीएफ (इन ववट्रो फर्टिलाइजेशन)  आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया के रूप िें भी जाना जाता है.  आईवीएफ डडम्बग्रंथि अंडे की कृ त्रिि ननषेचन की एक प्रक्रिया है.  ननषेचन प्रक्रिया िााँ के शरीर के बाहर जगह लेती है.  यह प्रक्रिया गभााधान के िाध्यि से की जाती है.
  • 3. वीयिसेचन यह दो तरीके से क्रकया जा सकता है:  पपता शुिाणुओं का प्रयोग  दाता शुिाणु का उपयोग करना. (जोडे की आवश्यकता के तेहत)
  • 4. आईवीएफ प्रक्रिया  िूलयांकन  डाउन रेगुलेशन  ननगरानी  अंडा पपक  ईकसीई  भ्रूण स्िानांतरण  भ्रूण फ्रीजजंग  भ्रूण हैथचंग
  • 5. मूलयाांकन  आईवीएफ उपचार के मलए, जोड़ों को कु छ जांच की सलाह दी जाती है.  अलरासाउंड, अंडाशय और गभााशय की हालत की जााँच के मलए.  अन्य सिस्याओं के मलए वीया पवश्लेषण और कलचर.  आईवीएफ प्रक्रिया से पहले पवषिता परीक्षण क्रकया जाना चाहहए.  िूलयांकन पूरा होने पर प्रक्रिया शुरू की जाती है.
  • 6. डाउन रेगुलेशन  आईवीएफ प्रक्रिया िामसक चि से पहले 21वे हदन शुरू होती है.  डाउन रेगुलेशन के मलए रक्त िें एलएच एफएसएच और E2 हािोन की जांच होती है.
  • 7. ovulation इांडक्शन  यह प्रक्रिया िरीज ​​की कु छ कं डीशन पर ननभार करता है  उम्र  हािोन संबंधी सिस्याएं  स्िानीय प्रोटोकॉल  एफएसएच या एचएिजी इंजेक्शन वांनछत रोि आकार तक हदया जाता है.
  • 8. ननगरानी  अलरासाउंड से अंडे और अंतगाभााशयकला की िोटाई के पवकास पर नजर रखी है.  कभी कभी एस्रोजन स्तर परीक्षण रक्त परीक्षण के द्वारा क्रकया जाता है.
  • 9. अांडा विक  अंडा इजछछत आकार तक पहुचने पर एक इंजेक्शन अंनति पररपक्वता (एचसीजी) के मलए हदया जाता है.  अंडा पपक प्रक्रिया 35-36 घंटे के बाद की जाती है.  अलरासाउंड के साि, अंडे सुई की िदद से रोि से ननकाले जाते हैं.  इस प्रक्रिया िें लगभर 20 मिनट लगते हैं.
  • 10.  अंडे को कोमशकाओं के सिूह से ननकालने के बाद aspirate करके उन्हें इनक्यूबेटर ननषेचन के मलए रखा जाता हैं.  आईवीएफ / ईकसीई ननषेचन प्रक्रिया का फै सला गभापवज्ञानी करता है.  थगनती और गनतशीलता िें किी के िािले िें ईकसीई क्रकया जाता है.  TESA / पेसा वृषण से शुिाणुओं को ननकालने के मलए क्रकया जाता है.  क्रफर भ्रूण 2-5 हदऩों के मलए इनक्यूबेटर के ननयंत्रित वातावरण िें पवकमसत करने के मलए छोड हदया जाता है. ईकसीई
  • 11. भ्रूण स्थानाांतरण  भ्रूण की गुणवत्ता का आकलन और भ्रूण स्िानांतरण के बारे िें फै सला गभापवज्ञानी करता है.  िुलायि cathedra की िदद से भ्रूण गभा िें रखा जाता है.  कु छ आराि करने के बाद िरीज ​​घर जा सकते हैं.
  • 12. भ्रूण फ्रीजजांग  अनतररक्त भ्रूण कई साल के मलए तरल नाइरोजन िें संरक्षक्षत रखे जा सकते है.  भ्रूण जिे हुए हैं क्य़ोंक्रक स्िानांतरण की योजना ननवााचन द्वारा गभााशय या रोगी के एन्दोिेत्रियि या अस्तर के रूप िें OHSS (डडम्बग्रंथि हाइपर अनुकरण मसंड्रोि) को ध्यान िें रख के बनाई है.
  • 13. भ्रूण हैचचांग  इस िें, भ्रूण की बाहरी परत का लेजर या कु छ रसायऩों के साि इलाज क्रकया जाता है.  इस प्रक्रिया को गभााशय की भीतरी सतह थचपकने वाला बाहरी अस्तर अथधक थचपथचपा बनाने के मलए प्रयोग क्रकया जाता है.  यह बडी उम्र की िहहलाओं िें प्रभावी है जहााँ पवफलता और गभा की किजोर अस्तर के िािले होते हैं.
  • 14. IUI (IntraUterine गर्ािधान)  सबसे अथधक इस्तेिाल क्रकये जाने वाली प्रजनन की तकनीक.  सुरक्षक्षत, लागत प्रभावी और गैर इनवेमसव पवथध.  पनत या दाता के वीया को ननषेचन क्षिता िें सुधार करने के मलए धोया और गभा िें इंजेक्ट क्रकया जाता है.
  • 15. IUI सांके त  सरवाइकल कारक  हलके िध्यि पुरुष उप प्रजनन  अस्पष्टीकृ त बांझपन  रोग प्रनतरक्षण कारक़ों  अन्तगाभााशय - अस्िानता  पुरुष शारीररक दोष  साइको यौन पवकार-ननिााण स्खलन से संबंथधत सिस्याओं
  • 16. IUI सांके त  अशुिाणुता  जेनेहटक, वंशानुगत सिस्याओं  गंभीर शुिाणु दोष  कई ट्यूबल दोष  गंभीर वीया असािान्यता  श्रोणण जन या गभााशय गुहा पवरूपण
  • 17. मूलयाांकन  उथचत सिय और IUI के मलए उथचत रोगी चयन आवश्यक है.  पवस्तृत थचक्रकत्सीय इनतहास और दोऩों भागीदाऱों की शारीररक जांच की आवश्यकता है.  क्रकसी भी असािान्यताएं िें हािोनल सिस्याएं का िूलयांकन क्रकया जाता है.
  • 18. IUI प्रयोगशाला क्रकसी भी IUI कें द्र िें होना आवश्यक है,  टीवीएस सुपवधा  वीया संचय क्षेि  लामिना हुड, अपकें हद्रि, यौथगक सूक्ष्िदशी, सीओ-2 इनक्यूबेटर, सीओ-2 मसलेंडर, वीया प्रजनन और भंडारण की सुपवधा के साि वीया तैयारी प्रयोगशाला.  गभााधान क्षेि
  • 19. सफलता की दर  रोगी की उम्र और वीया के आधार पर 6 से 28% सफलता हो सकती है  IUI एक बहुत ही सरल और सुरक्षक्षत प्रक्रिया है लेक्रकन कु छ सिस्याएं पैदा हो सकती हैं:  ग्रीवा को रािा  संििण  ऐंठन या ददा
  • 20. धन्यवाद!!! संपका करें डा. सुमिता प्रभाकर सीएिआई अस्पताल, 54, हररद्वार रोड, देहरादून. उत्तराखंड, भारत. पपन: 248001 फोन: 0135-6542172, 0135-2520042, 2720142, 2720238 िोबाइल: +91-7895333429 ईिेल: sumitaprabhakar@gmail.com