2. एक बार एक समय पर एक कछुआ और एक
खरगोश मे तर्कर्क हुआ,
कौन तर्ेजी से दौड सकतर्ा है?
मै सबसे तर्ेज
धावक हूँ ।
यह सच नहीं है.
मै सबसे तर्ेज
धावक हूँ!
3. ठीक है, चलो
दौडतर्े है !
ठीक है
!
तर्कर्क खत्म करने के िलए, उन्होने
फै सला िकया िक, एक दौड की
प्रतितर्योिगतर्ा की जा सकतर्ी है ।
वे एक मागर्क पर दौड शुरू करने के
िलए सहमतर् हुए ।
4. खरगोश तर्ेजी से भागा और कुछ समय के बाद वह
काफी आगे था ।
िफर वह देखा िक, वह कछुआ से काफी आगे है, उसने
सोचा िक, कुछ समय के िलए एक पेड के नीचे बैठतर्े
है, और वह आराम करने लगा ।
बेचारा ! मै एक
झपकी ले भी लूँ , तर्ो
भी वह मुझे नहीं पकड
सकतर्ा ।
10. दौड़ हारने पर िनराश हो कर खरगोश ने
आत्म िविश्लेषण िकया।
उसने सोंचा िक, अतिति आत्मिविश्वास एविं
लापरविाही से विह सुस्ति हो गया था ।
उसने इस प्रतितियोिगतिा को हल्के मे नहीं
िलया होतिा तिो कछुआ कभीभी उसे हरा
नहीं सकतिा था।
मै यह दौड़
क्यूँ हार
गया?
11. तिो विह एक और दौड़ के िलए
कछुआ को चुनौतिी दी ..
कछुआ सहमति हो गया।
क्या हम
एक बार और
दौड़ सकतिे है?
ठीक
है!
12. इस बार खरगोश, शुरुआति से अतंति तिक
िबना रुके दौड़तिा गया। उसने कई मीलों
के अतंतिर से प्रतितियोिगतिा जीति ली ।
13. कहानी क्या संदेश देतिा है ?
तिेज एविं लगातिार हमेशा धीमी और िनरंतिर को हरा देगे ।
आपके अतपने संगठन मे दो लोग है, एक धीमी गिति का व्यवििस्थति एविं
िविश्वसनीय, दूसरा व्यिक्ति तिेज एविं िविश्वसनीय है। धीमी गिति से और
व्यवििस्थति व्यिक्ति की तिुलना मे तिेज और िविश्वसनीय व्यिक्ति संगठनात्मक
सीढ़ी तिेजी से चढ़ जाएगा ।
धीमी और िनरंतिर होना अतच्छा है, लेिकन तिेज एविं िविश्वसनीय होना
बेहतिर है ।
15. इस बार कछुए ने कुछ सोंचा, और
महसूस िकया िक इस तिरह के
प्रतितियोिगतिा मे विह खरगोश को अतभी
भी नहीं हरा पाएगा ….
मै खरगोश
से कैसे जीति
सकतिा हूँ?
16. उसने कुछ क्षण के िलए
सोंचा और खरगोश को
एक और दौड़ के िलए
चुन्नौतिी दी, लेिकन िकसी
दूसरे रास्तिे से।
खरगोश तिैयार हो गया।
ज़रूर!
क्या हम एक बार और
दौड़ सकतिे है?
इस बार हमे एक अतलग
मागर्ग से जाना होगा.
17. उन्होने दौड़ शुरू की। खरगोश ने जो
अपने आप से वादा िकया था, उसके
अनुसार वह तेजी से िबिना रुके दौड़ा
और एक चौड़ी नदी के िकनारे रुक
गया। जीत का लक्ष्य नदी के दूसरी
तरफ कुछ दूर था। लक्ष्य
18. खरगोश परेशान हो रहा था, िक अबि क्या करे?
इस बिीच कछुआ धीरे - धीरे आया, नदी मे उतरा
और तैर कर दूसरे िकनारे चला गया और िफर धीरे -
धीरे चलते हुये लक्ष्य तक पहुँच कर दौड़ पूरा िकया।
मुझे क्या
करना
चािहए?
19. कहानी क्या संदेश देता है ?
आप सबिसे पहले आपकी पमुख योगयता पहचान करे। िफर पमुख योगयता
के अनुरूप अपने खेल के मैदान को बिदले ।
िकसी संगठन मे, यिद आप एक अच्छे वक्ता है तो आप विरष्ठ पबिंधन
पस्तुितयों देने के िलए अवसरों का सृजन सुिनिश्चित करे तािक आप नजरों
मे आ सके।
अपनी ताकत का िवश्लेषण है, तो आप कुछ शोध िरपोट र्ट बिनाएँ, एवं विरष्ठ
पबिंधन को भेजे ।
आप पर ध्यान आने के िलए िसफर्ट आपकी ताकतों पर काम करने िक ही
जरूरत नहीं है, बििल्क िवकास एवं उन्नतित के िलए अवसर पैदा करना
होगी ।
21. कछुवा और खरगोश अबि तक एक अच्छे
दोस्त बिन गए और वो एक साथ िमलकर
सोंचने लगे। दोनों ने यह महसूस िकया िक,
जो अंितम दौड़ था उसको और अच्छे से
दौड़ा जा सकता है।
22. अबि उन्होने यह िनणर्टय िलया िक
अंितम वाले दौड़ को िफर से दौड़ेगे
लेिकन एक ट ीम के रूप मे।
Hi, buddy. How
about doing our last
race again?
बििढ़िया ! मैं सोंचता हूँ िक
हम इसे और अच्छी तरह
से कर सकते है, यिद हम
दोनों एक दूसरे िक मदद
करे ।
हाय, दोस्त!
क्यूँ न हम हमारे िपछले दौड़
को दुबिारा से दौड़े?
23. उन्होने दौड़ शुरू िकया, और इस बिार खरगोश
ने कछुए को अपने पीठ पर नदी के िकनारे तक
िबिठाया।
24. वहाँ पर कछुए ने पहल की और उसने खरगोश
को अपने पीठ पर बिैठा कर नदी तैर कर पार
िकया ।
25. नदी के दूसरे िकनारे खरगोश ने िफिर से कछुए को बैठा कर
लक्ष्य तक दोनों साथ -साथ पहुंचे। इस बार दोने ने अपने आप
में अितरेक आत्मसंतुष्टी का अनुभव िकया। जो उन्होने पहले
कभी नहीं िकया।
26. कहानी क्या संदेश देता है ?
विकगत रप से पितभाशाली एवं मूल दकताओ का मजबूत होना
अचछा है; लेिकन, यिद आप एक टीम में काम करने में सकम है और एक
दूसरे की मूल दकताओ का उपयोग नहीं करते है तो हमेशा आपना
पदशरन नीचा ही करेंगे. क्योंिक वहाँ हमेशा ही यह होता रहेगा िक कोई
अचछा कर रहा है तो कोई खराब और आप खराब करेंगे जब कोई दूसरा
अचछा कर रहा होगा ।
टीमवकर मुख्य रप से िस्थितजन्य नेतृत्व के बारे में है । एक विक को एक
ऐसी िस्थित मे अपनी पमुख योग्यता के साथ नेतृत्व करना चािहए ।
27. इस कहानी से सीखने के िलए और अिधिक सबक है।
ध्यान रखे - न तो खरगोश और न ही कछुआ ने अपनी िवफिलताओ के बाद
छोड़ा। अपनी असफिलता के बाद खरगोश ने और मेहनत करने का िनश्चय
िकया। कछुए ने अपनी रणनीित बदल दी क्योंिक वह पहले ही िजतना मेहनत
हो सकता था उसने िकया।
जीवन में जब भी िवफिलता के साथ सामना हो, कभी किठन काम करना और
अिधिक पयास करना उपयुक होता है। कभी कभी रणनीित बदल कर कुछ
अलग करने की कोिशश कर सकते है। और कभी कभी यह दोनों करना उपयुक
होता है ।
खरगोश एवं कछुआ ने भी एक और महत्वपूणर सबक सीखा है। हम आपस मे
एक पितद्वंद्वी या पितस्पधिी बनने की बजाय िमल कर िस्थित के िखलाफि
पितस्पधिार शुर करते है, तब हम सबसे बेहतर पदशरन करते है।
28. When Roberto Goizueta took over as CEO of Coca-Cola in
the 1980s, he was faced with intense competition from Pepsi
that was eating into Coke's growth. His executives were
Pepsi-focused and intent on increasing market share 0.1 per
cent a time.
Roberto decided to stop competing against Pepsi and instead
compete against the situation of 0.1 per cent growth.
29. He asked his executives what was the average fluid intake of
an American per day? The answer was 14 ounces. What was
Coke's share of that? Two ounces. Roberto said Coke needed
a larger share of that market. The competition wasn't Pepsi. It
was the water, tea, coffee, milk and fruit juices that went into
the remaining 12 ounces. The public should reach for a Coke
whenever they felt like drinking something.
To this end, Coke put up vending machines at every street
corner. Sales took a quantum jump and Pepsi has never quite
caught up since.
30. अंततः खरगोश एवं कछुए की कहानी हमें बहुत सी बातें िसखाता है
• असफिलता से सामना होने पर उसे जाने मत दो।
•तेजी से एवं लगातार हमेशा धिीमी और िनरंतर को हरा देंगे
• अपनी दकताओ के िलए काम करें
•िस्थित के िखलाफि मुकाबला करें एक पितद्वंदी के िखलाफि नहीं है.
• संसाधिनों को एकत कर एक टीम के रप में काम करके आप हमेशा
विकगत दकता वाले पितद्वंदीयों को हरा देंगे
31. चलो चलते है और मजबूत टीमों का िनमारण करते है!...