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बैंकिंग में हिंदी पत्राचार
1. बैंक िं ग में क िंदी पत्राचार
प्रस्तुतत:
राहुलखटे,
उपप्रबंधक(राजभाषा),
मोबाइल: 09483081656
ई-मेल: rahulkhate@gmail.com
2. बैंतकिंग एक सेवा उद्योग है, जो जनता से धनराशिजमा करने तथा जनता को
ऋण देने का काम करता है। बैंकों के राष्टरीयकरण से पूवव इसका उद्देश्य तथा
बैंतकिंग प्रणाली थोड़ी भभन्न हुआ करती थी। तकिंतु बैंतकिंग के राष्टरीयकरण के
साथ ही इन कायवप्रणाली तथा पररचालन की ददिा एवं दिा में महत्वपूणव
पररवतवन हुए हुए। आज भारतीय बैंक प्रणाली लेन-देन, जमा या ऋण के
माध्यम से के वल लाभ अर्जित करने वाला उद्योग ही न रह कर छोटे-छोटे
तकसानों, व्यापाररयों, कारोबाररयों, काररगरों आददको ऋण देकर उन्हें आर्थिक
रूप से ऊंचा उठाने का एक सिक्त माध्यम बन गया है। इससे देि के
सवागीण तवकास एवं पुनरूत्थान की ददिा में तेजी आई है।
बैंककिं ग का उद्देश्य
3. सूचना प्रौद्योतगकी से बैंकों की कायव पद्धततमें क्ांततकारी पररवतवन आया है।
बैंकर अपनी प्रभावी बैंतकिंग प्रणाली से पढ़े-भलखे ग्राहकों को लाभान्न्वत करने
के साथ-साथ देि की सामान्य जनता को भी अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
ऐसे जनसमूह को अपने साथ जोड़ने के भलए बैंकर को उनकी भाषा में
संवाद/संप्रेषण करना अतनवायव है। ग्राहक के साथ अपने संबंधों को सुदृढ़ करने
एवं भलर्खत वाद हेतु तवभभन्न बैंकों में कायवरत कार्मि यों को एवं उनके द्वारा प्रयोग
में लाए जाने वाले मानक फॉमव एवं प्रचार सामग्री आदद को जन सामान्य की
भाषा में प्रस्तुत करना होता है। अत: बैंतकिंग प्रणाली में प्रयुक्त पत्राचार को
राजभाषा हहिंदी अथवा कायालयीन भाषा में तकस प्रकार तकया जाए, उसका
संक्षिप्त पररचय यहाँ ददया जा रहा है।
5. र्जस प्रकार कें द्र सरकार के मंत्रालयों/तवभागों को अपना िासतकय कायव सुचारू रूप से
चलाने के भलए तवभभन्न मंत्रालयों/संबंद्ध कायालयों आददसे पत्र व्यवहार करना पड़ता है
उसी प्रकार बैकों को भी अन्य बैंकों एवं उनकी िाखाओं आदद से पत्रव्यवहार करना पड़ता
है। र्जसके अंतगवत तवभभन्न तवषयों पर बैठकों आदद आयोजन, एक बैंक के खाताधारकों
का अन्य बकों में खाता स्थानांतरण, आवश्यकता पड़ने पर मद्रा आपूततिहेतु नोडल बैंकों
से पत्राचार आदद करना पड़ता है। र्जसे अंतर बैंक पत्र व्यवहार कहा जाता है।
अन्य बैंकों से उक्त तवषयों पर पत्राचार हेतु बैंकों में प्रयोजनानुसार प्रमुखत: पत्र,
अनुस्मारक, अधव-िासतकय पत्र आददप्रयोग में आते हैं। बैंकों में प्रयुक्त पत्र का प्रारूप
सरकारी पत्र के प्रारूप से थोड़ा भभन्न है, जो इस प्रकार है-
अिंतर बैंक (Inter Banking) पत्र व्यवहार
6. दटप्पणी: बैंकों में सरकारी पत्राचार की तरह सबसे ऊपर फाइल संख्या का उल्लेख नहीं तकया जाता। बैंक का नाम,तवभाग,
अनुभाग के उपरांत संदभव संख्या दी जाती है क्योंतक व्यन्क्तगत स्तर पर ही बैंकों में अभभलेख का संकलन तकया जाता है।
7. 1. श्री---------- नेअपनाबचतखातास्टेटबैंकऑफइंदडया, मुंबईसेयूतनयनबैंकऑफइंदडयाकी
पटनािाखामेंस्थानांतररतकरनेहेतुआवेदनतकयाहै।िाखाप्रबंधककीतरफसेइसकायवहेतु
यूतनयनबैंककीपटनािाखाकोभेजेजानेवालेपत्रकामसौदातैयारकरें।
2. ददनांक---------- कोनईददल्लीमेंददल्लीबैंकनगरराजभाषाकायान्वयनसर्मततकीबैठक
नराकासअध्यिएवंमहाप्रबंधकस्टेटबैंककीअध्यितामेंआयोर्जतकीजानीहै।ददल्लीन्स्थत
सभीराष्टरीयकृ तबैंकोंके मुख्यालयोंके वररष्टठप्रबंधकोंको इसकीसूचनादेनेहेतुअधवसरकारीपत्र
कामसौदातैयारकरें।
3. आपके िेत्रमेंररजववबैंकके नहोनेपरभारतीयस्टेटबैंकको यह अक्षधकारददयागयाहैतकअन्य
बैंकोंमेंमुद्राकीकमीकोपूराकरनेके भलएउनकीमांगके अनुसारमुद्राआपूतकरें।अपनेबैंकमें
मुद्राआपूततिहेतुस्टेटबैंकके प्रबंधककोभेजेजानेवालेपत्र कामसौदाप्रस्तुतकरें।
अिंतर बैंक (Inter Banking) पत्र व्यवहार का उदाहरण
8. साववजतनक िेत्र के बैंकों का कायव-व्यवहार बहुत तवस्तृत है। आज बैंकों के कायालयों एवं
िाखाएँ देि-तवदेि में फै ली हुई हैं। बैंक के तवभभन्न प्रिासतनक एवं संचालन संबंधी कायव
के बीच समन्वय रखने के भलए बैंक का मुख्यालय तवभभन्न िाखाओं के साथ जो पत्र
व्यवहार करता है उसे अंत: बैंक (INTRA BANK) पत्र व्यवहार कहा जाता है।
बैंतकिंग पत्र, तवक्षध दस्तावेज़, करार, अनुबंध, ररपोटव, तवज्ञापन, पररपत्र तथा अनुदेि
पुन्स्तकाएं, ग्राहकों को भेजे जाने वाले सूचना पत्र आददको बैंक की एक िाखा से दूसरी
िाखा में सूचना, अनुदेि, कारववाई, वसूली या जमा के भलए भेजा जाता है। बैंक का अपने
अधीनस्थ कार्मिकों/कायालयों के साथ पत्र व्यवहार भी इस श्रेणी में आता है।
अिंत: बैंककिं ग (intra-banking)
9. बैंकों के प्रधान/अंचल/िेत्रीय कायालयों द्वारा तवभभन्न योजनाओं के तनयमों, मागवदिवक क्षसद्धांतों,
अनुपालनाथव आदेिों एवं भारत सरकार के मंत्रालयों, ररजवव बैंक आददद्वारा ददए गए ददिा-तनदेिो
को भी अपनी िाखाओं की जानकारी में लाना होता है। र्जसके भलए बैंकों द्वारा अक्षधकतर
‘पररपत्र’ का प्रयोग तकया जाता है। अपने कायालय में तकसी कायव के तनष्टपादन के भलए सभी
कार्मिकों को सूर्चत करने के भलए सूचना (NOTICE) तनकाली जाती है। संबंक्षधत तवभागों से
आवश्यक सूचना प्राप्त करने एवं देने, सामग्री मंगवाने आददके भलए अंतर तवभागीय कायालय
ज्ञापन का प्रयोग भी तकया जाता है। अक्षधकाररयों द्वारा अपने उच्च अक्षधकाररयों, तनयंत्रक
कायालयो को आंकड़े आददभेजने, कायव की प्रगततका लेखा-जोखा रखने के भलए ररपोटव प्रस्तुत
की जाती है। इसके अततररक्त आंतररक काम-काज में कायवसूची, कायववृत्त, एवं तववरर्णयां भी
बनाई जाती हैं। तवभभन्न कायालयों, िाखाओं के अक्षधकाररयों द्वारा तकसी तविेष तवषय पर
ध्यानाकषवण, व्यन्क्तगत अनुरोध आददके भलए बैंक में भी अधव-िासतकय पत्र का प्रयोग तकया
जाता है। र्जसका प्रारूप सरकारी कायालयों में प्रयुक्त अधव-सरकारी पत्र की भांततही होता है।
बैंक द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले पररपत्र, अंतर तवभागीय कायालय ज्ञापन के मसौदे सरकारी
पररपत्र एवं कायालय ज्ञापन से थोड़े भभन्न होते हैं।
13. भारत सरकार का उपक्म होने के कारण बैंक भारत सरकार, भारतीय
ररजवव बैंक, राज्य सरकारों तथा तवभभन्न तवत्तीय संस्थाओं के साथ भी
पत्र व्यवहार करते हैं। इन्हें बैकों का गैर-बैंतकिंग या इतर (संस्थाओं)
कायालयों के साथ पत्र व्यवहार के अंतगवत रखा जाता है।
बैंकोंकागैरबैंतकिंगसंस्थाओं/कायालयोंके साथपत्रव्यवहार
14. एक सेवादायी संस्था होने के कारण बैंक का अपने ग्राहकों के प्रतततविेष दार्यत्व है। बैंकों
का एक क्षसद्धांत है तक ‘ग्राहक हमेिा सही होता है’ बैंक इसी क्षसद्धांत वाक्य पर कायव करते हैं।
बैंक अपने ग्राहकों को समय-समय पर पत्र भलखता रहता है। बैंक का यह पत्राचार आज
मात्र सूचना पहुंचाने का माध्यम ही नहीं रह गया बन्ल्कअपने व्यावसार्यक अभभलेख रखने,
व्यवसाय को तवकक्षसत करने तथा अपनी साख एवं संभावना बनाने का काम भी करता है।
इनके भलए तवभभन्न प्रकार की बचत योजनाएं, आकषवक ऋण योजनाएं, खातों के पररचालन
संबंधी सूचनाओं, तनयमों में समय-समय पर बदलाव, ऋण की मंजूरी देने, तकस्तों में उसकी
वापसी/प्रान्प्त आदद पर तकण गए कायव से ग्राहकों को सूर्चत करने हेतु बैंकों द्वारा पत्र,
अनुस्मारक, पावती, सूचना, अपील, तवज्ञापन आददका प्रयोग तकया जाता है। इस प्रकार के
पत्राचार को ग्राहकों के साथ पत्र व्यवहार के अंतगवत रखा गया है।
ग्राहकों के साथ पत्र व्यवहार
15. CUSTOMER SERVICE IS NOT SATISFACTORY ग्राहकसेवासंतोषजनकनहींहैं।
DEFAULTED AMOUNT चूककीराशि
DETRIMENTAL TO BANK’S INTEREST बैंकके हहतमेंनहीं
DEVIATION WILL BE VIEWED SERIOUSLY तवचलनकोगंभीरतासेदेखाजाए
ESTIMATE THE COST लागतकाप्राक््कलनकरें
ENTERTAINMENT EXPENSES MAY BE REIMBURSED आततथ्यव्ययकीप्रततपूततिकीजाए
COMPLAINT PERTAINS TO DELAYED COLLECTION शिकायततवलंबवसूलीसेसंबंक्षधतहै
CALCULATE THE COST लागतकापररकलनकरें
BRANCHES MAY BE INSPECTED िाखाओंकातनरीिणतकयाजाए
ATTEMPT TO DEFRAUD THE BANK बैंककोधोखादेनेकाप्रयास
BRANCHES MAY BE ADVISED/INFORMED िाखाओंकोसुझावददया/सूर्चततकयाजाए
आम प्रयोग के पदबिंध
16. कु टीरउद्योगCOTTAGE INDUSTRY
प्रभाररतकरना- TO CREATE CHARGE
िेत्रअक्षधकार- FIELD OFFICER
प्रततभू/जार्मन– GUARANTOR
अक्षधग्रहण- PHYSICAL POSSESSION
सामान्यग्रहणअक्षधकार- GENERAL LIEN
तनिेपक- BAILOR तवशिष्टटग्रहण- PARTICULAR LIEN
रेहन/तगरवी- PLEDGE गैरबैंतकिंग- NON BANKING
रोकड़अक्षधकारी- CASH OFFICER रेर्खतचेक- CROSSED CHEQUE
रचनात्मकरेहन- CONSTRUCTIVE PLEDGE
संयुक्तपररवारआय- JOINT FAMILY INCOME
संपर्िअंतरणअक्षधतनयम- TRANSFER OF PROPERTY ACT
परक्ाम्यभलखत/पत्र- NEGOTIABLE INSTRUMENT
ऋणी- DEBTOR जमाराशि- DEPOSITS
ऋणदाता- CREDITOR ब्याजदरनीतत- RATE OF INTEREST
बैंककिं ग से सिंबिंकधत शब्दाथा