Women's security is an issue that concerns the electorate in large parts of India. Yet, we do not know what our demands should be politically. Here is a very short introduction.
2. लोकप्रिय बहस में आजकल पूछा जाता है...
क्या भारत महिलाओं के ललए कम सुरक्षित िो गया िै?
या,महहलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को अधधक कवरेज ममल रहा है?
दुर्ााग्य से सरकारी आंकडे प्रवश्वसनीय नहीं हैं, इसमलय़े कोई र्ी वास्तप्रवकता नही जानता है I
महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
विश्लेषण
3. Source: UNODC Report, http://www.unodc.org/documents/data-and-analysis/Crime-statistics/International_Statistics_on_Crime_and_Justice.pdf
हर 10,000 लोगों पर
महिलाओं द्िारा ररपोर्ट ककये बलात्कार की संख्या, इन देशों में...
30.2
अमेररका में (2006)
17.3
फ्ांस में (2004)
1.7
र्ारत में (2006)
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4. जाहहर है ये आकडे सच नहीं हैं क्योकक
ऐसी घटनाए बहुत कम ररपोटा होती हैं
जब जलपाईगुडी में एक एसपी ने सर्ी मिकायतों को दजा करने और एफआईआर
रजजस्टर करने के मलए पुमलसकममायों को ननदेि हदया, अपराध दर 500% ऊपर बढ़ गया !
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5. Source: National Crime Records Bureau data
सच यह है कक - दजा मामलों की संख्या में
धीमी गनत से लेककन यकीनन वृप्रि हुई है
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6. Source: http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-india-25855325
सच यह है कक - र्ारत के एक गॉव में
एक युवा जोडे को प्यार करने का दोषी पाया जाता है,
और जब वह 20 साल की लडकी
25,000 रुपए का जुमााना नहीं र्र सकी
पंचायत ने लडकी का 13 पुरुषों
द्वारा बलात्कार ककए जाने का आदेि हदया
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7. सच यह है कक
एक सावाजननक पररवहन बस में ननर्ाया के साथ सामूहहक बलात्कार, और बाद में उसकी मौत…
….र्ारत की राजधानी हदल्ली में I
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8. तो कम सुरक्षित या अधधक सुरक्षित के बजाय, असल सवाल यह है कक ...
क्या र्ारत महहलाओं के मलए उतना सुरक्षित है जजतना होना चाहहय़े?
क्यों कु छ मदों को र्ारत की राजधानी की सडकों पर
एक महहला के साथ बलात्कार करना ठीक लगता है ?
क्यों गांव के कु छ बुजुगों को
मौत और बलात्कार से महहलाओं
को दंडित करने का अधधकार लगता है?
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9. AskHOW का मानना है कक य़हॉ ं2 अहहतकारी कारण हैं
1) एक आधुननक लोकतंत्र में कानून और व्यवस्था
की जस्थनत जैसी होनी चाहहए उसके आसपास र्ी नहीं है
2) र्ारत के अनेक हहस्सों में महहलाओं को द्प्रवतीय श्रेणी
का नागररक, संपजत्त या उससे र्ी बद्तर माना जाता है
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10. महहलाओं के मलए एक असुरक्षित र्ारत का पहला कारण
एक आधुननक लोकतंत्र में कानून और व्यवस्था की जस्थनत
जैसी होनी चाहहए उसके आसपास र्ी नहीं है
हम कै से सुधार कर सकते हैं?
1) और अधधक िर्ावी पुमलस
2) िीघ्र फै सला करनेवाली न्याय िणाली
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11. समाधान 1: और अधधक िर्ावी पुमलस
*Committees on Police Reform: National Police Commission, National Human Rights
Commission, Law Commission, Ribeiro Committee, Padmanabhaiah Committee, Malimath
Committee, etc.
उच्चतम न्यायालय नें प्रवमर्न्न पुमलस सुधार सममनतयों* के सुझावों के आधार पर 7 ननदेश हदये
हैं I
नोर्: ये 7 ननदेि मूल रूप से भारत संघ बनाम प्रकाश लसंि के मामले में तैयार ककये गये थे, और हाल ही में जे
एस वमाा सममनत की ररपोटा मे इनपर बल हदया गया है I
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12. समाधान 1: और अधधक िर्ावी पुमलस/उच्चतम न्यायालय के ननदेि
ननदेश 1: एक राज्य सुरिा आयोग (एसएससी) का गठन जो
(i) यह सुननजश्चत करे कक राज्य सरकार पुमलस
पर अनुधचत िर्ाव या दबाव न िाले
(ii) व्यापक नीनत हदिाननदेि तैयार करे, और
(iii) राज्य पुमलस के िदिान का मूल्यांकन करे
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13. समाधान 1 : और अधधक िर्ावी पुमलस/उच्चतम न्यायालय के ननदेि
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ननदेश 2
यह सुननजश्चत ककया जाये कक िीजीपी योग्यता पर आधाररत
िुली िकिया से ननयुक्त हो और कायाकाल कम से कम 2 साल का हो
ननदेश 3
ड्यूटी पर अन्य पुमलस अधधकाररयों को
(एक जजले के पुमलस अधीिक और एक पुमलस स्टेिन हाउस के िर्ारी सहहत सर्ी अधधकारी)
र्ी कम से कम 2 साल का कायाकाल सुननजश्चत हो
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14. महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
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महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
समाधान 1 : और अधधक िर्ावी पुमलस/उच्चतम न्यायालय के ननदेि
ननदेश 4
पुमलस की (i) जांच पडताल और (ii) कानून और वय्वस्था
की जजम्मेदारी अलग-अलग हो
ननदेश 5
एक पुमलस स्थापना बोिा का गठन
ननयुक्क्त, तबादले, प्रमोशन और अन्य सेिा
संबंधी मामलों का फै सला
पुललस उपाधीिक और नीचे श्रेणी के
अधधकाररयों के ललये
ननयुजक्तयों और तबादलों की मसफाररि पुमलस उपाधीिक और ऊपर श्रेणी के अधधकाररयों
के मलये ऊपर
15. Complaints
PCA
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समाधान 1 : और अधधक िर्ावी पुमलस/उच्चतम न्यायालय के ननदेि
ननदेश 6
एक पुमलस मिकायत िाधधकरण का गठन
गंर्ीर दुराचार के मामलों में पुमलस अधधकाररयों के खिलाफ पुमलस मिकायत की
जांच के मलए (हहरासत में मौत,गंर्ीर चोट,पुमलस हहरासत में बलात्कार इत्याााहद)
राज्य स्तर पर पूछताछ के ललए पुललस उपाधीिक और ऊपर श्रेणी के
अधधकाररयों के ललये ऊपर
जजला स्तर पर पूछताछ के मलए पुमलस उपाधीिक और नीचे श्रेणी के अधधकाररयों
के मलये ननदेश 7
एक राष्ट्रीय सुरिा आयोग का गठन
के न्रीय पुमलस िमुिों के चयन और ननयुजक्त के मलए
के न्रीय स्तर पर पैनल जजसका कायाकाल कम से कम 2 साल का हो
विश्लेषण
16. उच्चतम न्यायालय के ननदेिों पर जस्थनत
इसललए AskHow के प्रश्न
महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
एक ताजा ररपोटा में कहा गया है कक
•राज्यों में ननदेिों के पालन का स्तर बहुत कम था
•ककसी र्ी राज्य ने ननदेि 1 और ननदेि 6 का पालन नही ककया था
•सबसे अधधक पालन ननदेि 3 के साथ था
•कई बार पालन के वल कागज़ पर था, र्ावना में नहीं
• कै से प्रवमर्न्न राज्य पुमलस बलों को हदन पनताहदन के
राजनीनतक हस्तिेप से मुक्त ककया जा सकता है?
• र्ारतीय पुमलस बल को कै से और अधधक िर्ावी बनाया
जा सकता है?
विश्लेषण
17. समाधान 2: िीघ्र फै सला करनेवाली न्याय िणाली
यहद धगरफ्तारी, जांच, मुकदमा और अपराधी
को दंि देने का चि कारगर है तो न्याय िणाली
संर्ाप्रवत अपराधधयों को रोकने का काम करती
है - यह सदाचारी है!
यहद यह चि टूट जाता है तो न्याय िणाली
दुराचारी बन जाती है.
विश्लेषण
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18. इसललए AskHow के प्रश्न
कै से न्याय िणाली मे तेजी लाई जा सकती है ?
और अधधक प्रवस्तृत प्रवश्लेषण के मलए देखिये
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19. महहलाओं के मलए एक असुरक्षित र्ारत का दूसरा कारण
महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
र्ारत के अनेक हहस्सों में महहलाओं को द्प्रवतीय श्रेणी
का नागररक, संपजत्त या उससे र्ी बद्तर माना जाता है
एक दुराचारी ररवाज के सरासर बल पर, सबसे अज्ञानी और बेकार पुरुष र्ी औरत पर
श्रेष्ट्ठता का आनंद लेते आ रहे हैं जबकी वे इस लायक नहीं है और ऐसा नहीं करना चाहहएI
- महात्मा गांधी
इसललए AskHow के प्रश्न
कै से समाज का पुरुष िधान रवैया बदला
जा सकता है?
विश्लेषण
20. समाधान 2: समाज के दृजष्ट्टकोण में पररवतान
महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
एक बडा कदम होग
- महहलाओं की प्रवत्तीय
स्वतंत्रता
कै से ?
•काम के स्थान में महहलाओं की र्ागीदारी.
कायास्थलों को महहलाओं के अनुकू ल बनायें.
•महहलाओं के बीच उद्योग उपिम
•सरकार नकद हस्तांतरण पररवार की महहला
सदस्यों के िाते में करे
अन्य सुछाि
यौन मििा और मलंग संवेदनिीलता
िमििण स्कू ल के बच्चों के मलए अननवाया
हो व बार-बार दोहराया जाये
िर्ावकारी श्रेणी के लोगों के मलए मलंग
संवेदनिीलता िमििण बार-बार दोहराया
जाये (पुमलस, मििक, सरकारी अधधकारी)
राजनीनतक दल ऐसे उम्मीदवारों को
बेदिल करे जो स्वयं/जजनके पररवार
के सदस्यों के खिलाफ महहलाओं पर
अत्याचार के आरोप दजा हों
विश्लेषण
21. समाधान 2: समाज के दृजष्ट्टकोण में पररवतान
िमारी सबसे बडी चल रिी पिल से कु छ विचार - भारतीय समाज में महिलाओं के प्रनत रिैया बदलना
• जानत पिपात की ही तरह मलंग
र्ेदर्ाव को समाप्त करने के मलए
िारंमर्क वषों की पाठ्यपुस्तकों का
सुधार करना और उन्हें संवेदनिील
बनाना एक सिी मायने में कानून का पूरा उद्देश्य शक्क्त की विषमता को दूर करने के ललए िै.
- न्यायमूनता जे एस वमाा की ररपोटा
• नागररक कानून में मलंग र्ेदर्ाव
के पनता पूणा असहनिीलता
• प्रवज्ञापन सहहत सर्ी
सावाजननक संचार में, रूहिवादी
िनतननधधत्व या छप्रव पर ननषेध
• सर्ी सरकारी कारावाई और
िकियाओं में मलंग र्ेदर्ाव दूर
करने का एक ठोस ियास
विश्लेषण
महिलाओं के ललए सुरक्षित भारत
22. समाधान 2: समाज के दृजष्ट्टकोण में पररवतान
यहद रवैये में प्रवषमता हैं, तो उसे समानता की संवैधाननक
आवश्यकता के मलए "सही / सुधार" करा जाना चाहहए I
जानत आधाररत असमानता को ननयंत्रत्रत करने के मलए जैसा कडा रुि
अपनाया है, मलंग आधाररत असमानता के मलए र्ी दोहराया जाना चाहहए I
बेिक कानून और व्यिस्था की मशीनरी को ही रवैये
पररवतान के मलए मागटदशटक बनने की आवश्यकता होगी.
पुमलस बल और न्यायपामलका को रवैये के बदलाव को कठोर िमििण /
उन्मुिीकरण के माध्यम से सख्ती से अमल में लाना चाहहये और जो
पालन ना करे या धीमी गनत से करे, उनपर सख्ती से पेि आना चाहहये
विश्लेषण
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23. अंत में
कृ पया अपने लोकसभा प्रत्याशी से पूछें
कै से पुमलस बल रोज़-रोज़ की
राजनीनतक हस्तिेप से मुक्त
ककया जा सकता है ?
कै से पुमलस बल को
अधधक मलंग संवेदनिील
बनाया जा सकता है
कै से न्याय िणाली को
और गनतिील ककया
जा सकता है
कै से र्ारतीय समाज के
पुरुष िधान नजररए को
बदला जा सकता है?